विज्ञान का लोकप्रियकरण Popularization of Science
 डाइट तेजली में अध्यापकों को विज्ञान पढ़ाने के आसान
तरीके सिखाये गए
डाइट तेजली में अध्यापकों को विज्ञान पढ़ाने के आसान
तरीके सिखाये गएकार्यक्रम के अंतर्गत हरियाणा राज्य में विज्ञान के लोकप्रियकरण ये लिये प्रयास किये जा रहें हैं। सर्व शिक्षा अभियान, एससीईआरटी गुडगाँव, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, जिला शिक्षा/मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय यमुनानगर, के सयुंक्त तत्वाधान में प्रमोशन आफ साइंस कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के विज्ञान अध्यापको का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन जिला शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) तेजली में हुआ। जिला शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान तेजली में कार्यक्रम अधिकारी डाक्टर संजीव कुमार व प्रभारी दुष्यंत चहल के साथ मास्टर ट्रेनर्स दर्शन लाल बवेजा, निधि बंसल ने इस ट्रेनिग की शुरुआत की।
 जिला यमुनानगर के चयनित टीजीटी विज्ञान
अध्यापकों को संबोधित करते हुए प्रवक्ता दुष्यंत चहल ने विज्ञान अध्यापकों से
गतिविधि आधारित शिक्षण पर बल दिया। कार्यक्रम समन्वयक डाक्टर सुरेश कुमार ने
विज्ञान अध्यापकों को शिक्षण के दौरान विज्ञान कक्ष व विज्ञान किट्स के भरपूर
उपयोग के लिये प्रेरित किया।
जिला यमुनानगर के चयनित टीजीटी विज्ञान
अध्यापकों को संबोधित करते हुए प्रवक्ता दुष्यंत चहल ने विज्ञान अध्यापकों से
गतिविधि आधारित शिक्षण पर बल दिया। कार्यक्रम समन्वयक डाक्टर सुरेश कुमार ने
विज्ञान अध्यापकों को शिक्षण के दौरान विज्ञान कक्ष व विज्ञान किट्स के भरपूर
उपयोग के लिये प्रेरित किया। आज के प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले चरण में मास्टर ट्रेनर दर्शन लाल बवेजा ने ध्वनि उत्पादन, संचरण व विस्तारण संबंधित प्रयोग करके दिखाए गए।
जिसमे ध्वनि कम्पन से उत्पन्न होती है,
ध्वनि संचरण लिए माध्यम की आवशयकता, ध्वनि का
तारत्व व विस्तारण, प्रतिध्वनि, पराश्रव्य
ध्वनि, आवर्त्ती, आवर्तकाल, ध्वनि का परावर्तन आदि को सरल विज्ञान प्रयोगों के द्वारा समझाया व जीवन
में इनके उपयोगों को उल्लेखित किया। मास्टर ट्रेनर प्रवक्ता रसायन निधि बंसल ने
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे चरण में प्रशिक्षुओं से पत्तियों के शिरा विन्यास,
पौधों की जड़ों के प्रकार, अमल क्षार लवण जांच,
उदासीनीकरण अभिक्रिया संबंधित प्रयोग करवा कर देखे।
इस कार्यक्रम में इंद्रजीत सिंह, अमित वर्मा, अनिल कुमार, सुरजीत सिंह गिल, गुरुप्रीत सिंह, अनिल शर्मा, मंजीत कौर, मनदीप कौर, संजय, अनिता वर्मा, परवीन कुमारी, परीक्षा गर्ग, किरण लता, पवन, हरविंदर कौर, दीपक शर्मा, अमृत पाल सिंह आदि विज्ञान अध्यापकों ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम में इंद्रजीत सिंह, अमित वर्मा, अनिल कुमार, सुरजीत सिंह गिल, गुरुप्रीत सिंह, अनिल शर्मा, मंजीत कौर, मनदीप कौर, संजय, अनिता वर्मा, परवीन कुमारी, परीक्षा गर्ग, किरण लता, पवन, हरविंदर कौर, दीपक शर्मा, अमृत पाल सिंह आदि विज्ञान अध्यापकों ने भाग लिया।
Darshan
Lal Baweja
Science Teacher
Cum Science Communicator
Secretary C V Raman Science Club Yamunanagar
Secretary C V Raman Science Club Yamunanagar
Distt.
Coordinator NCSC, Haryana Vigyan Manch Rohtak
Master Trainer
for Low/Zero Cost Science Experiments And Hobby Development
09416377166
Web Links 





 
 
दक्षिण एशिया में कार बहुत उपयोगी चीज नहीं है
ReplyDeleteयह सिर्फ एक बंदर की नकल की जा रही है उदाहरण के लिए, बैलगाड़ी जैसे एक पारंपरिक वाहन में कई उपयोग होते हैं इसलिए प्रदूषण मुक्त, बहुउद्देश्यीय वाहन जो यात्रियों या माल (और एक वाहन जो भी साझा किया जा सकता है) ले सकता है इन क्षेत्रों के लिए एक बेहतर वाहन है।
इसलिए डिजाइन इंजीनियरों और पूर्वानुमानियों के अनुसार दक्षिण एशिया में एक अच्छी तरह से डिजाइन किए ई-रिक्शा अधिक उपयोगी और टिकाऊ है!
कृपया समझें और सोचें ....